देहरादून। मुख्य सचिव (SS Sandhu) ने अधिकारियों को उत्तराखंड कैंपा के अन्तर्गत शोध कार्यों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि ताकि इसका प्रदेश और प्रदेशवासियों को लाभ मिल सके।
सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधू (SS Sandhu) ने उत्तराखंड कैंपा की संचालन समिति की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को वन विभाग को प्रदेश से संबंधित विषयों और मुद्दों पर शोध की आवश्यकता है। जिससे प्रदेश और प्रदेशवासियों को लाभ मिल सके।
मुख्य सचिव (SS Sandhu) ने कहा कि प्रदेश के लिए वनाग्नि एक बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि को किस प्रकार से काबू किया जा सकता है। इस पर शोध किया जाए। इसी प्रकार फसलों को जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए शोध किए जा सकते हैं। जंगली सुअर, हाथी और बंदरों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए किस प्रकार से बायो फेंसिंग कारगर साबित हो सकती है, इन विषयों पर शोध हमारी उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
मुख्य सचिव (SS Sandhu) ने अधिकारियों को बायोफेंसिंग सेल गठित करने को निर्देश देते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारी को इसका दायित्व दिया जाए। उन्होंने कार्यक्रम संचालन की वार्षिक योजना (एपीओ) को दिसंबर माह तक केंद्र सरकार को भिजवा दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए वार्षिक कैलेंडर तैयार किया जाए। समस्त कार्यों को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण कर लिया जाए।
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इस दौरान कार्यक्रम संचालन की वार्षिक योजना (एपीओ) के लिए 411.88 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। बैठक में उत्तराखंड कैंपा की संचालन समिति की ओर से संस्तुति प्रदान।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पीसीसीएफ (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।