लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को बधाई देते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। साथ ही मेरिट में शीर्ष दस मेधावियों को सम्मानित करने का भी ऐलान किया है।
श्री योगी (CM Yogi) ने मंगलवार को कहा कि मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों ने अपने कठिन परिश्रम और मेधा से इन परीक्षाओं के टॉपर के रूप में अपना नाम दर्ज किया है। हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं में राज्य स्तर पर शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को राज्य स्तर पर तथा जिला स्तर पर शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को जिला स्तर पर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
गौरतलब है कि नकलविहीन परीक्षा कराने के बाद योगी सरकार (Yogi Government) ने एक और बड़ा कीर्तिमान कायम करते हुए महज 67 दिनों में यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं का परीक्षाफल घोषित करके 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जारी नतीजों में हाईस्कूल के 89.78 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं, जबकि इंटरमीडिएट में 75.12 प्रतिशत छात्रों ने सफलता प्राप्त की है।
घोषित परीक्षाफल के अनुसार हाईस्कूल में कुल 179 छात्रों ने टॉप-10 में जगह बनाई है तो इंटर में यह संख्या 253 है। दोनों परीक्षाओं में कुल 432 छात्र टॉप-10 में शुमार रहे हैं। महत्वपूर्ण बात ये है कि यूपी बोर्ड की परीक्षा सीबीएससी के एक दिन बाद 16 फरवरी से शुरू हुई थी लेकिन यूपी बोर्ड का रिजल्ट सीबीएसई से पहले घोषित कर दिया गया, वह भी तब जब सीबीएसई की तुलना में यूपी बोर्ड में कई गुना छात्र अधिक हैं।
मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक महेंद्र देव और सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजे घोषित करते हुए इस उपलब्धि के बारे में जानकारी दी। बोर्ड के निदेशक महेंद्र देव ने बताया कि हाईस्कूल में सीतापुर की प्रियांसी सोनी ने 600 में 590 अंक लाकर शीर्ष स्थान हासिल किया है। वहीं, इंटर में महोबा के शुभ छापरा 500 में 489 अंक के साथ शीर्ष पर रहे हैं।
उप्र बोर्ड : हाईस्कूल में 179 और इंटर में 253 छात्र टॉप-10 में शामिल
बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 100 वर्षों के इतिहास में सबसे पहले परीक्षाफल घोषित करने का कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि 1921 में बोर्ड के गठन के बाद पहली बार 1923 में बोर्ड परीक्षा का संचालन किया गया था, तब से अब तक सबसे कम समय में बोर्ड ने परीक्षाफल घोषित किया है। इससे पहले 2019 में सबसे कम समय में 27 अप्रैल को परीक्षाफल की घोषणा हुई थी। तब सात फरवरी से परीक्षा की शुरुआत हुई और 89 दिन में परीक्षाफल घोषित किया गया। इस बार 16 फरवरी के बाद परीक्षाएं आयोजित कराई गईं और कुल 67 दिन में परीक्षाफल घोषित कर दिया गया।
श्री शुक्ल ने बताया कि 30 वर्षों में यह पहला अवसर रहा जब कोई पेपर न तो वायरल हुआ, न ही रांग ओपनिंग हुई,न ही कोई परीक्षा रद की गई और न ही सामूहिक नकल हुई। विश्व का सबसे बड़ा बोर्ड होने के नाते यह गौरव की बात है कि विगत 100 वर्ष में यह पहला अवसर है जब सारे रिजल्ट पूर्ण हैं। पहले किसी न किसी वजह से कुछ रिजल्ट अपूर्ण रह जाते थे। उन्होंने बताया कि परीक्षाफल घोषित होने के बाद अब ग्रीवांस सेल छात्रों की समस्याओं का निराकरण करेगा। सभी क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर ग्रीवांस सेल खोले गए हैं, जो अगले सप्ताह से कार्य करना शुरू कर देंगे। प्रार्थना पत्र देने वाले छात्रों की समस्याओं का यहां समयसीमा के अंदर निराकरण होगा। सोमवार के बाद स्क्रूटनी के आवेदन का भी कार्य शुरू कर दिया जाएगा।