ऋषिकेश। प्रदेश के मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि गंगा के स्पर्श मात्र से मनुष्य अपने किए गए करोड़ों पाप से मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश और प्रदेश में अनेक सरकारें बनीं, लेकिन किसी ने भी गंगा स्वच्छता की ओर ध्यान नहीं दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में लैंड जिहाद के नाम पर मस्जिदों और मजारों का निर्माण किया जा रहा है, उसे उनकी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। क्योंकि यह गंगा-जमुना की भूमि है ,जो वनों-पर्वतों से आच्छादित है, जिसका अपना स्वरूप बना चाहिए।
यह विचार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने रविवार को परमार्थ निकेतन में हुए गंगा समग्र अभियान सम्मेलन के अंतिम दिन बतौर मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गंगा स्वच्छता को लेकर देश में गंगा काउंसिल का गठन किया, जिसमें उत्तराखंड राज्य सरकार को भी सदस्य के रूप में मनोनीत किया है।
मुख्यमंत्री धामी (CM Dhami) ने बताया कि गंगा गोमुख से निकलकर भारत के हजारों शहरों को छूकर गंगा सागर में जा रही है, जिससे स्वच्छ और साफ किए जाने का उत्तराखंड सरकार संकल्प ले चुकी है। इसके चलते उसमें शामिल होने वाले उत्तराखंड के 125 नालों को एसटीपी के माध्यम से स्वच्छ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का गंगा को स्वच्छ किए जाने का जो प्रयास किया जा रहा है, वह काफी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार भी संकल्पित है, जो भी इस कार्य में योगदान होगा, उसे लोगों के माध्यम से पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि सरकार किसी भी कीमत पर इस प्रकार की जमीनी जिहाद को प्रदेश में होने नहीं देगी। नमामि गंगे योजना के अंतर्गत गंगा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए एसटीपी के माध्यम से गंगा में गिरने वाले नालों को रोका जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति के जन जागरण का कार्य किया जा रहा है। बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान भी लागू कर दिया गया है। दिसंबर माह तक बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब रोपवे के लिए किए जा रहे कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे। हेमकुंड साहिब में रोपवे का शिलान्यास हो चुका है। देवी पूर्णागिरी मंदिर के निर्माण पर 135 करोड़ रुपये खर्च कर विकास कार्य किए जा रहे हैं।ऑल वेदर रोड के साथ ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन का कार्य भी चल रहा है।
मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर उत्साहित हुए बच्चे
उन्होंने बताया कि 13 लाख से अधिक लोगों ने चारधाम यात्रा पर जाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से सबक लेते हुए हमने संतुलन बनाते हुए अधिक विकास कार्य भी किए है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए राज्य सरकार ने धर्मांतरण कानून बनाया है। महिलाओं को धुएं से बचाने के लिए उज्ज्वला योजना के अंतर्गत सिलेंडर उपलब्ध कराएं है।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि भारत में 6 लाख गांव हैं ,जहां 10 लाख तालाब बनाए जाने की आवश्यकता है। जिन्हें बचाए जाने के लिए उनके किनारे पौधरोपण भी किया जाए, जिससे पर्यावरण भी बचेगा और गंगा भी बच जाएगी।
इस अवसर पर गंगा समग्र गंगा निर्मल गंगा कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन मंत्री प्रांत संगठन मंत्री गंगा समग्र निरंजन त्रिवेदी और राष्ट्रीय महामंत्री आशीष भैया दिव्य सेवा मिशन के संचालक ने किया।
कार्यक्रम में संयोजक अरुण घिड़ियाल, क्षेत्रीय विधायक रेणु बिष्ट, सौरभ धामा, जयंत नेगी, प्रदीप नेगी, रेशु चौधरी, पीयूष अग्रवाल ,प्रकाश कुमार, डा. जिप्सी अरोड़ा, रेखा आर्य ,अनीता उनियाल, मेघा नैथानी,सह संयोजक जगदीश तिवारी, केंद्रीय टोली के सदस्य निभा झा, ऋषिकेश जिला सह संयोजक राजीव गुप्ता सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।