उप्र में जैव उर्जा उद्यमों के लिए डेवलमेन्ट चार्जेज में छूट

CM Yogi

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कृषि अपशिष्ट आधारित जैव ऊर्जा (Bio Energy) उद्यमों को बढ़ावा दिये जाने एवं किसानों के लिए अतिरिक्त आय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर सृजित करने हेतु डेवलपमेन्ट चार्जेज में शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जायेगी।

इस संबंध में प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा मंगलवार को अधिसूचना जारी की गयी। अधिसूचना के अनुसार प्रदेश में वर्तमान परिदृश्य में कृषि अपशिष्ट को खेतों में ही जला दिये जाने के फलस्वरूप उत्पन्न पर्यावरणीय संकट तथा भूमि की उत्पादकता में क्षति की समस्या आ रही है।

इसके समाधान हेतु एवं कृषि अपशिष्ट आधारित जैव ऊर्जा (Bio Energy) उद्यमों को बढ़ावा दिये जाने और किसानों के लिए अतिरिक्त आय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर सृजित करने हेतु राज्य सरकार के अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022 बनायी गयी है। इसके अन्तर्गत प्राविधानित है कि जैव ऊर्जा उद्यमों को प्रदेश के विकास प्राधिकरणों द्वारा लिये जाने वाले डेवलपमेन्ट चार्जेज से शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जायेगी।

अधिसूचना में कहा गया है कि लाभार्थी जैव ऊर्जा (Bio Energy) इकाई का संचालन आगामी पॉच वर्षों तक किये जाने की बाध्यता होगी। जैव ऊर्जा इकाई को निर्धारित अवधि तक न चलाने तथा अधिसूचना की किसी शर्त का उल्लंधन किए जाने पर शुल्क में दी गई छूट की समस्त धनराशि 15 प्रतिशत साधारण वार्षिक व्याज सहित वापस करनी होगी, अन्यथा उसकी वसूली भी भू राजस्व के बकाये की भॉति की जायेगी।

नीति के अधीन प्रोत्साहन एवं रियायतें प्राप्त करने वाली जैव ऊर्जा इकाईयों द्वारा सभी अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं आवश्यक स्वीकृतियां स्वयं प्राप्त की जायेगी और अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग अथवा यूपीनेडा की गाइडलाइन्स का अनुपालन किया जायेगा। इस प्राविधान के उल्लंघन की दशा में सभी प्रोत्साहन एवं छूट निरस्त कर दिये जायेंगे। जैव ऊर्जा (Bio Energy) इकाई के लिए उद्यमी द्वारा स्थल का चयन ऐसे स्थान पर किया जायेगा, जहॉ पर विद्युत, सड़क, पानी, सीवर, नाला आदि सुविधाएं उपलब्ध हो। छूट की सुविधा उन्ही जैव ऊर्जा इकाईयों को अनुमन्य होगी, जिनके द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य ऊर्जा नीति-2022 के प्रख्यापन तिथि के उपरान्त नीति के प्राविधानों के अधीन पंजीकरण कराया गया हो।