बारिश और मौसम की मार से किसान बेहाल, सीएम योगी ने बनाया ये प्लान

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लखनऊ। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों (Farmers) की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गेहूं की फसल तैयार है लेकिन ओलावृष्टि से बड़े नुकसान की खबर है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने स्थिति की समीक्षा के बाद किसानों को तत्काल राहत देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही किसानों को आगे मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी देने के लिए सिस्टम को तत्काल प्रभावी करने का आदेश दिया गया।

9 जिले में ओलावृष्टि की खबर

यूपी के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई। 9 जिलों से ओलावृष्टि की भी खबर है। किसानों (Farmers)  को इससे भारी नुकसान हुआ है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत आयुक्त को फसल के नुक़सान का आकलन करते हुए मुआवज़ा देने का निर्देश दिया है। बारिश की वजह से खराब हुई गेहूं की फसल को खरीदने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार प्रस्ताव भी बनाएगी।

वार्निंग सिस्टम तत्काल प्रभावी किया जाए

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम की ऐसी स्थिति अगले दो से तीन दिन तक रह सकती है। ऐसे में सीएम योगी ने बैठक में इस बात के भी निर्देश दिए कि किसानों (Farmers)  को मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी देने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम तत्काल रूप से प्रभावी किया जाए। किसी भी तरह की जनहानि होने पर पीड़ित परिवार को तत्काल सहायता दी जाए।

मौसम पूर्वानुमान के बारे में किसानों (Farmers)  को बताया जाए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi)  ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मौसम पूर्वानुमान के बारे में किसानों को समय से जानकारी उपलब्ध कराई जाए। मौसम विज्ञानियों की चेतावनियों के बारे में दूर गांव तक किसान को टीवी, अखबार व स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराएं। यह पूर्वानुमान 24-48 घंटे का हो। ऐसी स्थिति में लोग अलर्ट होंगे तो क्षति भी कम होगी।

भूसे की भी हो सकती है कमी

बरसात, तेज हवा, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक कारणों से गेहूं आदि की फसल खराब हो सकती है। जो फसल पैदा हो रही है, उसकी गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है। ऐसी फसल को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत खरीद की जानी चाहिए। इसके लिए आवश्यकतानुसार नियम शिथिल किए जाने के लिए आवश्यक प्रस्ताव तैयार किए जाने का भी निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि गेहूं की फसल के संभावित नुकसान के कारण इस वर्ष भूसे की कमी हो सकती है। ऐसे में पशुपालन विभाग द्वारा समय से गोवंश चारे की व्यवस्था कर ली जाए।