लखनऊ। स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Prepaid Meter) के टेंडर को छोटा करने के लिए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (MVVIN) ने पावर कार्पोरेशन को पत्र भेजा है। इस पत्र में 25000 करोड़ की स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर की शर्तों में बदलाव कर इसे 20 से 25 लाख तक करने की मांग की गयी है। इससे पूर्व विद्युत उपभोक्ता परिषद भी इसकी मांग कर चुका है।
अभी पूरे प्रदेश में चार कलस्टर निकाले गये हैं। इसका टेंडर लागत अधिक होने के कारण स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियां भाग नहीं ले पा रही हैं। इससे दूसरी परेशानियां भी खड़ी हो चुकी हैं। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम का कहना है कि छोटे टेंडर होने से स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियां इसमें हिस्सा ले सकेंगी, जिससे मीटर सस्ते दामों पर सुलभ हो सकेगा।
उपभोक्ता परिषद ने एक बार फिर दक्षिणांचल पूर्वांचल और पश्चिमांचल के स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Prepaid Meter) के टेंडर को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। उसका कहना है कि यहां भी छोटे कलस्टर बनाकर टेंडर निकाले जायं, जिससे प्रदेश की जनता को फायदा हो और उद्योगपति बिचौलियों को कमाई से रोका जा सके।
उपभोक्ता परिषद द्वारा उठाए जा रहे हैं मुद्दे पर अब 4 बिजली कंपनियों में से एक बिजली कंपनी मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (MVVIN) के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगरौत ने टेंडर की क्राइटेरिया में बदलाव करने के लिए प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन को प्रस्ताव भेजा है।
इसमें उपभोक्ता परिषद की मांग को आगे बढाते हुए यह कहा गया है कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (MVVIN) के अंतर्गत एक कलस्टर जो अभी लगभग 70 से 75 लाख के बीच है, को छोटा करके 20 से 25 लाख का एक कलस्टर बनाया जाए। इससे स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Prepaid Meter) के टेंडर में देश व प्रदेश की मीटर निर्माता कंपनियां भाग ले पाएं और उसकी दर कम आये।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अभी भी समय है। सभी 3 बिजली कंपनियों दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम जिसमें अडानी का टेंडर जो ऐस्टीमेटेड कॉस्ट से लगभग 64 प्रतिशत अधिक है। उनके टेंडर को अविलंब निरस्त किया जाना चाहिए।