आयुष्मान योजना के संबंध में लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त: सीएम धामी

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देहरादून। मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि सीमावर्ती गांव हमारे सीमान्त प्रहरी नहीं बल्कि अमूल्य धरोहर भी हैं। उत्तराखंड हिमालयी राज्यों में एक मॉडल बने इस उद्देश्य को लेकर सरकार विकास कर रही है। इसके साथ ही कहा कि आयुष्मान योजना कार्ड पर उपचार में लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा।

शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami)  ने ‘सीमान्त क्षेत्रों में आपदा प्रभावित महिला केन्द्रित आजीविका प्रबन्धन कार्यक्रम’ का शुभारम्भ के मौके पर यह बातें कहीं।

मुख्यमंत्री ने आयुष्मान योजना के संबंध में अस्पतालों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान में विकास योजनाएं उनके लिए बन रही है जिन्हें वास्तव में उनकी आवश्यकता है। किसी भी कार्डधारक के इलाज में विलम्ब की शिकायत नही आनी चाहिए। सरकार आम जनमानस की सुविधा के लिए सरलीकरण के मार्ग पर चल रही है। हम अपने सीमावर्ती गांवों का विकास इस प्रकार करना चाहते हैं ताकि यह देश और विशेषकर हिमालयी राज्यों के लिए एक मॉडल बने। उन्होंने कहा कि सीमान्त जनपद चंपावत को मॉडल जनपद के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि सीमावर्ती गांव हमारे लिए अमूल्य हैं। सीमान्त क्षेत्र हमारी जड़े हैं, इनको निरन्तर सिंचित किया जाना चाहिए। गांव और शहरों की असमानता को दूर करके ग्राम आधारित सशक्त आर्थिकी को आधार बनाना ही राज्य सरकार का मूलमंत्र है। हम ’माणा-मुन्स्यारी‘, ’असकोट-आराकोट‘ के सीमान्त क्षेत्रों के गांवों को ’अन्तिम गांवों‘ के स्थान पर प्रधानमंत्री की संकल्पना के अनुरूप ’प्रथम पंक्ति‘ के प्रथम गांवों की तरह विकसित करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। हमने बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत इन्हीं गांवों को एक प्रहरी का रूप भी दिया है। जिसे प्रधानमंत्री ने अपने स्तर पर गहन चिंतन-मंथन कर इनको आगे बढ़ाने का सकंल्प लिया है।

यूकॉस्ट की ओर से बताया गया कि राज्य के प्रतिष्ठित साइंस कांग्रेस को आगामी वर्ष 10-11 फरवरी को ’ग्राम्य विज्ञान सम्मेलन‘ के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य में पहली बार ’अन्तराष्ट्रीय आपदा सम्मेलन‘ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश-दुनिया के सैकड़ों प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगें।

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इस मौके पर हैस्को संस्थापक डा.अनिल प्रकाश जोशी,महानिदेशक,यूकॉस्ट प्रो.दुर्गेश पंत,संस्थापक, एस.बी.आई.फाउन्डेशन ललित मोहन, डी.जी.एम.,एस.बी.आई.राजकुमार सिंह, एस.बी.आई.जनरल अन्यया मोहन्ती,एस.बी.आई. जनरल किलफोर्ड डी कोस्टा और सीमान्त गांवों से महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य उपस्थित थी।

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