गंगा में न जाए ड्रेनेज का अशोधित जल: एसएस संधू

SS Sandhu

देहरादून। मुख्य सचिव (SS Sandhu) ने गंगा के किनारे बसे शहरों में भी सेप्टेज मैनेजमेंट की तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि गंगा (Ganga) में ड्रेनेज का अशोधित जल न जाए यह सुनिश्चित किया जाए।

बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू (SS Sandhu) की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय गंगा समिति की 14वीं बैठक हुई। इसमें मुख्य सचिव ने सभी एसटीपी का सोशल ऑडिट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोशल ऑडिट में स्थानीय लोगों से भी उनके विचार लिए जाएं। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न स्थानों में जमा पुराने कूड़े (लीगेसी वेस्ट) को प्रोसेस कर उसके निस्तारण की व्यवस्था भी शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित नगर निकायों को दिये। साथ ही, समस्त जिला विकास समितियों को एनजीटी की गाइड लाइन के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।

मुख्य सचिव (SS Sandhu) ने कहा कि प्रदेश में भूजल के स्तर को बनाए रखने के लिए पूरे प्रदेश में छोटे चेक डैम बनाए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में चेक डैम के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

उन्होंने वन विभाग को भी प्रदेश के अंतर्गत सभी फ्लड प्लेन जोन में पौधरोपण कार्य सुनिश्चित किए के निर्देश दिए। साथ ही नदियों के किनारे पूर्व में दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार नए निर्माण कार्यों को अनुमति न दी जाए। साथ ही जो पूर्व में निर्मित हो चुके हैं, नष्ट करने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने कहा कि नए निर्माण न हों इसके लिए प्रत्येक माह ड्रोन आदि से वीडियोग्राफी की जाए ताकि नए निर्माण का पता चल सके। वीडियोग्राफी का डाटा, डाटा सेंटर में संकलित किया जाए।

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बैठक के दौरान बताया गया कि मनरेगा के तहत 689735 ग्रामीण परिवारों को 120182.07 लाख रुपये का प्रत्यक्ष मजदूरी रोजगार प्रदान किया गया। व्यक्तिगत स्वरोजगार, कृषि और कृषि संबद्ध क्षेत्र और स्वयं सहायता समूहों से संबंधित वृद्धि गतिविधियों पर 110201.65 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

कृषि गतिविधियों के तहत जैविक खेती के अन्तर्गत 1182 गांव के 74522 किसान जैविक खेती के लिए लगे हुए हैं। गंगा के किनारे ऋषिकेश में पर्यटन सर्किट के विकास के लिए व्यापक योजना तैयार की गई है। हर की पौड़ी, हरिद्वार में गंगा आरती के लिए ऑडियो वीडियो सुविधा विकसित की जा रही है।

ग्रामीणों को अपने घरों को होमस्टे के रूप में पंजीकृत करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है और पर्यटन वेबसाइट और अन्य लोकप्रिय ओटीए पर प्रचारित किया जाता है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट और हरिद्वार में चंडी घाट पर गंगा पर एक संग्रहालय स्थापित किया गया है।

इस मौके पर पीसीसीएफ (हॉफ) विनोद कुमार, अपर सचिव पर्यटन सी. रविशंकर, उदयराज सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।